बाराबंकी। शहर से लेकर गांंवों का विकास कराने के लिए मिले करीब दो सौ करोड़ से अधिक के बजट पर विभागीय अफसर कुंडली मारे बैठे हैं। लोक निर्माण विभाग, स्वास्थ्य व पुलिस महकमा बजट खपाने में सबसे फिसड्डी साबित हो रहे हैं। शासन के निर्देशों के बाद भी अब तक विभागीय अफसर उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं दे पाए हैं। फिलहाल विभागीय अफसर इस वित्तीय वर्ष में कराए गए कार्यों का लेखा-जोखा तैयार करने में जुटे हैं। अगले दो दिनों में अगर बजट खर्च नहीं हो पाता है तो उक्त धनराशि लैप्स हो जाएगी, जिससे जिले के विकास कार्य प्रभावित हो जाएंगे।
वित्तीय वर्ष 2022-23 में शासन ने विकास कार्य कराने से लेकर अन्य योजनाओें का लाभ मुहैया कराने के लिए अलग-अलग विभागों को करीब 13.22 अरब का बजट उपलब्ध कराया था। उक्त बजट के सापेक्ष शासन ने सभी विभागों को पत्र लिखकर 25 मार्च तक उपयोगिता प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के निर्देश जारी कर दिए थे, बावजूद इसके अब तक 11.19 अरब रुपये जिले के विकास पर खर्च किए जा सके हैं। 202 करोड़ रुपयेे आज भी अलग-अलग विभागों में डंप है।
लोक निर्माण विभाग को इस वर्ष 209 करोड़ रुपये का बजट मिला था, जिसके सापेक्ष अब तक 161 करोड़ रुपये ही खर्च हो पाए हैं। विभाग के पास 48.06 करोड़ रुपये अभी भी शेष हैं। आम आदमी को स्वस्थ रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग को 192 करोड़ रुपये दिए गए थे, लेकिन 173 करोड़ का खर्च कर पाए हैं। इसी तरह पुलिस और पीएसी 372 करोड़ रुपये के सापेक्ष 357 करोड़ रुपये का बजट खपा पाए हैं। स्वास्थ्य के पास 19.73 करोड़ एवं पुलिस-पीएसी के पास 15.05 करोड़ बाकी हैं। इसी तरह बाल विकास एवं महिला पुष्टाहार के पास 3.47 करोड़, अल्पसंख्यक के पास 3.57 करोड़ एवं राजस्व विभाग के पास 9.27 करोड़ का बजट शेष है।
प्रमुख विभागों को मिला बजट व व्यय
आबकारी- 33.02 करोड़- 32.83 करोड़
उद्योग- 5.15 करोड़- 4.97 करोड़
उद्यान- 2.48 करोड़- 2.34 करोड़
कृषि- 20.46 करोड़- 18.85 करोड़
ग्राम्य विकास- 47.60 करोड़- 46.79 करोड़
पंचायती राज- 46.17 करोड़- 43.03 करोड़
पशु विभाग- 22.82 करोड़- 21.57 करोड़
जेल- 15.73 करोड़- 15.67 करोड़
अल्पसंख्यक- 39.44 करोड़- 35.86 करोड़
सभी विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि उपलब्ध बजट को अधिक से अधिक खर्च कर लिया जाए। जिन परियोजनाओं के लिए धन की आवश्यकता है, उसकी डिमांड की जाए।
– अविनाश कुमार, जिलाधिकारी