अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के बाद सबसे बड़ा सवाल यही उठता है कि आखिर हत्यारों के पास तुर्किए की बनी हुई भारत में प्रतिबंधित जिगाना पिस्टल पहुंची तो आखिर कैसे। सूत्रों के मुताबिक देश में सबसे ज्यादा जिगाना पिस्टल का इस्तेमाल लॉरेंस बिश्नोई गैंग करता आया है…
अतीक अहमद की हत्या और सिद्धू मूसेवाला के मर्डर के तार कहीं न कहीं आपस में जुड़ते हुए दिख रहे हैं। मूसेवाला की हत्या में आरोपी लॉरेंस बिश्नोई का नाम भी अतीक अहमद की हत्या के साथ जोड़ा जा रहा है। दरअसल अतीक अहमद और सिद्दू मूसेवाला की हत्या में प्रयोग की गई जिस जिगाना पिस्टल का इस्तेमाल किया गया है, उसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल लॉरेंस बिश्नोई गैंग करता है। इसके अलावा अतीक अहमद को मारने वाले अरुण मौर्या की निकटता भी लॉरेंस बिश्नोई गैंग से रही है। इस पूरे मामले की जांच कर रही एजेंसियों ने ऐसे सभी पहलुओं पर अपनी जांच की सुई इस दिशा में भी घुमा दी है। जांच एजेंसियों का कहना है कि अतीक अहमद और अशरफ की हत्याकांड में जिगाना पिस्टल के इस्तेमाल से बहुत बड़े खुलासे की उम्मीद जताई जा रही है।
अंसारी के करीबी गुर्गे की हत्या में यही पिस्टल इस्तेमाल
अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के बाद सबसे बड़ा सवाल यही उठता है कि आखिर हत्यारों के पास तुर्किए की बनी हुई भारत में प्रतिबंधित जिगाना पिस्टल पहुंची तो आखिर कैसे। सूत्रों के मुताबिक दरअसल देश में सबसे ज्यादा जिगाना पिस्टल का इस्तेमाल लॉरेंस बिश्नोई गैंग करता आया है। बिश्नोई गैंग की ओर से की जाने वाली हत्याओं में इसी पिस्टल का इस्तेमाल होता रहा है। केंद्रीय जांच एजेंसी से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या भी भारत में प्रतिबंधित तुर्किए निर्मित जिगाना पिस्टल से ही हुई थी। जांच एजेंसियों से जुड़े सूत्रों का कहना है कि लखनऊ में कुछ साल पहले माफिया सरगना मुख्तार अंसारी के करीबी गुर्गे अजीत सिंह की हत्या में इसी पिस्टल का इस्तेमाल किया गया था। अजीत की हत्या में लॉरेंस बिश्नोई गैंग के शार्प शूटर रहे राजन जाट का नाम सामने आया था। काफी दबिश देने के बाद राजन को गिरफ्तार भी किया गया था।
जांच एजेंसियों से जुड़े सूत्रों की मानें तो अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के तार सिद्धू मूसेवाला की हत्या से जुड़ रहे हैं। हालांकि एजेंसियों का कहना है कि सीधे तौर पर दोनों की हत्या में कोई आपसी कनेक्शन है या नहीं, यह तो जांच के साथ ही पता चलेगा। लेकिन हत्या के लिए इस्तेमाल की गई पिस्टल और इस पिस्टल का इस्तेमाल करने वाले गैंग में समानता तो मिल ही रही है। इसके अलावा अतीक अहमद और अशरफ की हत्या का लारेंस बिशनोई से गैंग से जुड़ाव का बड़ा सबूत भी उत्तर प्रदेश पुलिस को मिल चुका है। दरअसल यह सबूत कुछ और नहीं बल्कि अरुण मौर्य है, जिसके खिलाफ हरियाणा में लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े होने का मामला पुलिस में दर्ज है। यही अरुण मौर्य अतीक अहमद की हत्या में भी शामिल है। प्रयागराज में रात को जब अतीक अहमद और अशरफ की हत्या की गई, तो पुलिस ने जिन तीन लोगों को फायरिंग करने के वक्त दबोचा था उसमें अरुण मौर्य भी शामिल था।
अतीक अहमद और लॉरेंस बिश्नोई गैंग में क्या संबंध?
इस पूरे मामले की जांच कर रहीं एजेंसियों और पुलिस के लोगों के लिए यह छानबीन करना महत्वपूर्ण हो जाता है कि क्या अतीक अहमद और अशरफ की हत्या के तार सीधे तौर पर लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े हुए हैं या नहीं। इस मामले में जांच एजेंसियों से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पुलिस अपनी तफ्तीश में इस बात को प्रमुखता से रखकर आगे चल रही है कि सिद्धू मूसेवाला की हत्या में इस्तेमाल की गई ज़िगाना पिस्टल और लॉरेंस बिश्नोई गैंग की इस हत्याकांड में क्या किसी तरह की भूमिका है। जांच एजेंसियों से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि एक बात तो बिल्कुल तय है कि जिस पिस्टल का इस्तेमाल करके अतीक अहमद और अशरफ की हत्या की गई, उसी पिस्टल से उत्तर प्रदेश में पहले भी कई हत्याएं हो चुकी हैं। चूंकि ये पाकिस्तान से ही अवैध रूप से ड्रोन के माध्यम या तस्करों के माध्यम से पंजाब और कश्मीर के हिस्सों में पहुंचाई जाती हैं। इसलिए उत्तर प्रदेश के माफियाओं के पास इन पिस्टल का होना इशारा करता है कि उनके ताल्लुकात पाकिस्तान और कश्मीर समेत पंजाब के उन लोगों से हैं जो कि अवैध हथियारों के सौदागरों के तौर पर काम कर रहे हैं।
सूत्रों का यह भी कहना है कि अतीक अहमद बीते कुछ सालों से अवैध हथियारों की तस्करी का और उनको ठिकाने लगाने का बड़ा काम कर रहा था। क्योंकि ऐसी प्रतिबंधित पिस्टल और तमाम अन्य हथियारों को ड्रोन के माध्यम से पंजाब और कश्मीर के इलाकों में गिराया जाता था। जहां से अलग-अलग राज्यों में हथियारों को पहुंचाया जाता था। चूंकि इस मामले में अतीक अहमद का नाम प्रमुखता से शामिल था। इसलिए शक इस बात पर भी गहरा रहा है कि अतीक अहमद समेत उत्तर प्रदेश और आसपास के राज्यों के माफियाओं के पास ऐसे हथियार पहुंचाता था। यही प्रमुख वजह मानी जा रही है कि अतीक अहमद और लॉरेंस बिश्नोई गैंग की आपस में या तो निकटता रही होगी या फिर दोनों की इन्हीं हथियारों की तस्करी को लेकर कोई आपसी टेंशन भी चल रही होगी। हालांकि सूत्रों का कहना है कि इस पूरे मामले में ज़िगाना पिस्टल न सिर्फ अतीक अहमद और अशरफ के हत्यारों का राज खोलने के लिए पर्याप्त है, बल्कि उत्तर प्रदेश समेत देश के अलग-अलग हिस्सों में बड़े माफियाओं की पोल भी इसी के माध्यम से खुल सकती है। जांच एजेंसियों से जुड़े सूत्रों का कहना है कि यह पिस्टल पश्चिमी उत्तर प्रदेश से लेकर पंजाब, राजस्थान और बिहार के माफियाओं और उनके गुर्गों के पास मौजूद है। इन इलाकों में सबसे ज्यादा हुई घटनाओं में इसी पिस्टल से वारदात को अंजाम दिए जाने के सबूत भी मिले हैं।