पाकिस्तान में सभी संघीय मंत्रियों और सरकारी कार्यालयों को व्यय में 15 फीसदी की कमी करने और वेतन, भत्ते, लक्जरी कारों, विदेश यात्राओं और बिजनेस क्लास यात्रा को छोड़ने का निर्देश दिया गया था।

पाकिस्तान भले ही आर्थिक तंगी के चलते गर्त में जा रहा हो, लेकिन पाक मंत्रियों को इससे कोई मतलब नहीं है। वहीं शहबाज शरीफ ने सुधारों के लिए कई कदम उठाए हैं, इसी के तहत मंत्रियों से भी सरकारी गाड़ी वापस करने का आदेश दिया था। पाकिस्तान में सभी संघीय मंत्रियों और सरकारी कार्यालयों को व्यय में 15 फीसदी की कमी करने और वेतन, भत्ते, लक्जरी कारों, विदेश यात्राओं और बिजनेस क्लास यात्रा को छोड़ने का निर्देश दिया गया था।

देश की हालात खराब फिर भी कर रहे लग्जरी कारों की सवारी
एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है सरकार ने कैबिनेट सदस्यों और अन्य अधिकारियों को आदेश दिए थे कि जल्द लग्जरी वाहनों को लौटा दिया जाए। लेकिन अभी तक आधे से अधिक ने वाहनों को वापस नहीं किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि फरवरी में मितव्ययिता अभियान की घोषणा के बावजूद कई वरिष्ठ अधिकारी अभी भी एसयूवी और सेडान कारों का उपयोग कर रहे हैं।

मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि  पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार की अध्यक्षता बैठक हुई थी। इस बैठक में बताया गया कि  30 लग्जरी वाहनों में से 14 को कैबिनेट सदस्यों ने वापस कर दिया था, लेकिन 16 अभी भी उपयोग में हैं। बैठक के बाद कैबिनेट डिवीजन को तीन दिन के भीतर लग्जरी कारों को वापस लेने का निर्देश दिया गया। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, सुरक्षा वाहनों के उपयोग को वापस लेने पर भी विचार-विमर्श किया गया।

आईएमएफ से धनराशि मिलनी जरूरी 
पाकिस्तान के हालात इस तरह से खराब हैं कि आईएमएफ ने भी उसे कर्ज देने से इनकार कर दिया है। वहीं अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से 1.1 बिलियन अमरीकी डालर की धनराशि का इंतजार कर रहा है। फंड 2019 में आईएमएफ द्वारा स्वीकृत 6.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर के बेलआउट पैकेज का हिस्सा हैं। बिश्लेषकों का कहना है कि पाकिस्तान को बाहरी ऋण दायित्वों की चूक से बचने के लिए यह धनराशि मिलनी जरूरी है।