पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम की सुनवाई 10 अप्रैल को सुबह 11.30 बजे वाराणसी कमिश्नर ऑफिस में होगी। मध्यांचल और उत्तर प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन की सुनवाई 21 अप्रैल को गोमती नगर में विद्युत नियामक आयोग सभागार में होगी।

प्रदेश में बिजली दर बढ़ाने संबंधी प्रस्ताव पर नियामक आयोग अप्रैल से सुनवाई करेगी। इसकी शुरुआत 10 अप्रैल को वाराणसी से होगी। इसके बाद बढोतरी पर फैसला लिया जाएगा। विद्युत वितरण निगम की ओर से नए सत्र में बिजली दर बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया है। इसमें उपभोक्ताओं की बिजली दर में 18 से 23 फीसदी बढोतरी का प्रस्ताव है। नियामक आयोग बिजली कंपनियों की ओर से दाखिल वार्षिक राजस्व आवश्यकता एवं बिजली दर प्रस्ताव पर सुनवाई करेगा।

पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम की सुनवाई 10 अप्रैल को सुबह 11.30 बजे वाराणसी कमिश्नर ऑफिस में होगी। मध्यांचल और उत्तर प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन की सुनवाई 21 अप्रैल को गोमती नगर में विद्युत नियामक आयोग सभागार में होगी। इसी तरह दक्षिणांचल और केस्को की सुनवाई 27 अप्रैल को 11.30 बजे आगरा के राव कृष्ण पाल सिंह ऑडिटरियम में, पश्चिमांचल एवं नोएडा पावर कंपनी की सुनवाई 28 को 11.30 बजे गौतमबुद्ध यूनिवर्सिटी ऑडिटोरियम में होगी।

पहले उपभोक्ताओं का बकाया दें, फिर बढोतरी : वर्मा
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि बिजली दर में किसी भी कीमत पर बढोतरी नहीं होने दी जाएगी। आयोग की सुनवाई के दौरान उपभोक्ता परिषद अपनी बात रखेगा। परिषद अध्यक्ष खुद सुनवाई में उपस्थित होकर उपभोक्ताओं का पक्ष रखेंगे। कंपनियों की ओर से की जा रही मनमानी की पोल खोलेंगे। बिजली कंपनियों का प्रस्ताव असंवैधानिक है। वे पहले सरप्लस में रखे गए करीब 25133 करोड रुपये बिल में समायोजित करते हुए उपभोक्ताओं को लौटाएं। फिर बढोतरी की बात करें। उन्होंने सभी विद्युत उपभोक्ताओं से अपील की है कि वह हर सुनवाई में ज्यादा से ज्यादा संख्या में उपस्थित होकर बिजली दरों में बढोतरी के प्रस्ताव का विरोध करें।