सजा सुनाए जाने से पहले माफिया अतीक अहमद ने कोर्ट की कार्यवाही के दौरान बचाव में तर्क देते हुए अपना पक्ष रखा। कहा कि उसके विरुद्ध सारे मामले सियासी रंजिश में दर्ज किए गए थे।
उमेश पाल अपहरण कांड में फैसला सुनाने से पहले जैसे ही कोर्ट की कार्यवाही शुरू हुई, अतीक अहमद तुरंत बोल उठा। कहा, न्यायालय अपना फैसला सुनाने से पहले पांच मिनट उसकी बात सुन ले। इसके बाद फैसला सुनाए।
अतीक का कहना था कि जेल में बंद व्यक्ति द्वारा उसे पिस्टल पहुंचाए जाने की बात कही जा रही है, वह उससे क्यों हथियार मंगाएगा, जबकि उसके पास बेहतर पिस्टल थी। कोर्ट परिसर में अतीक अहमद, उसके भाई अशरफ और फरहान को कोर्ट में दोपहर 12.30 बजे लाया गया।
बाकी सभी आरोपी जमानत पर जेल से पहले से ही बाहर हैं तो वे कोर्ट में नहीं पेश हुए। अदालत जैसे ही बैठी अतीक बोल उठा। कहा, न्यायालय अपना फैसला सुनाने से पहले उसका भी पक्ष सुन ले। अतीक ने कहा कि मामला केवल अपहरण का है। बसपा सरकार के बनते ही उसके खिलाफ गुच्छों में मुकदमे दर्ज किए गए।
सारे मामले सियासी रंजिश की वजह से उसके खिलाफ दर्ज कराए गए हैं। उमेश पाल मामले में भी उसके खिलाफ केवल अपहरण का केस बनता है। इसलिए पत्रावली पर जो रिकॉर्ड है, उसे देखकर ही फैसला सुनाएं। अतीक ने अपने बचाव में एक और तर्क रखा। कहा कि इस मामले में जो व्यक्ति जेल में बंद हैं, उनके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया।
‘उससे अच्छी पिस्टल जब उसके पास थी तो वह जेल से क्यों मंगवाएगा’
अतीक पर 50 से अधिक मुकदमे विचाराधीन
उमेश पाल से क्रूरता का कोई रिकॉर्ड नहीं
कोर्ट ने एडवर्ड जी बुअर के कथन का किया उल्लेख
कोर्ट ने कहा कि आरोपी जावेद, फरहान, एजाज अख्तर, इसरार उर्फ मल्ली, खालिद अजीम उर्फ अशरफ और आबिद सभी दोष मुक्त किए जाते हैं। क्योंकि, अभियोजन पक्ष इन सबके खिलाफ संदेह से परे आरोप साबित कर पाने में असफल रहा है।