आरोप लगाया कि राजू को थर्ड डिग्री दी गई। 22 नवंबर 2018 को उसकी मौत हो गई। आरोप था कि उसे करंट भी लगाया गया।

आगरा में चार साल पहले सिकंदरा थाना पुलिस की हिरासत में नरेंद्र एन्क्लेव निवासी राजू गुप्ता की मौत हो गई थी। दरोगा सहित तीन आरोपी जेल भेजे गए। पुलिस ने केस में चार्जशीट लगाई। हत्या की जगह, गैर इरादतन हत्या की धारा में आरोपी बनाया। मृतक के परिजन ने पुलिस की विवेचना पर सवाल उठाए। मामला राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग पहुंचा। आयोग ने जांच के आदेश दिए। सीबीसीआईडी को जांच दी गई है। विवेचक सुबूत जुटा रहे हैं। धारा बदलकर चार्जशीट क्यों लगाई गई, जबकि राजू की मौत पुलिस हिरासत में हुई थी।

मूल रूप से मथुरा की रहने वाली रेनू लता गैलाना स्थित नरेंद्र एन्क्लेव में किराये के मकान में रहती थीं। उनके पति ओमप्रकाश भारतीय स्टेट बैंक में मैनेजर थे। उनकी मौत हो गई थी। रेनू 30 वर्षीय बेटे राजू के साथ रह रही थीं। बहन अन्नू और श्वेता की शादी हो गई थी। राजू ही मां का एकमात्र सहारा था। राजू ने शादी नहीं की थी। वह काम भी नहीं करता था। कई बार काम छोड़ दिया था।

 

पड़ोसी ने लगाया था चोरी का आरोप

19 नवंबर 2018 को घटना हुई थी। पड़ोस में रहने वाले कारोबारी अंशुल के घर में राजू बैठा हुआ था। अंशुल का परिवार हरिद्वार जाने की तैयारी कर रहा था। उनका घर से सोने के जेवरात से भरा बैग चोरी हो गया था। परिवार का शक राजू पर गया था। उन्होंने पुलिस से शिकायत कर दी। इस पर पुलिस ने पहले राजू को पकड़ा। इसके बाद उनकी मां से भी थाने लाकर पूछताछ की गई। आरोप लगाया कि राजू को थर्ड डिग्री दी गई। 22 नवंबर 2018 को उसकी मौत हो गई। आरोप था कि उसे करंट भी लगाया गया।

राजू की मां रेनू लता ने मुकदमा दर्ज कराया। पड़ोस के कारोबारी अंशुल कुमार और बेटे विवेक कुमार सिंह को नामजद किया गया। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार किया। मृतक राजू के चाचा अशोक कुमार ने बताया कि विवेचक ने शुरू से ही केस में पुलिसकर्मियों का बचाव किया। पहले हत्या की धारा को हटा दिया गया। केस को गैर इरादतन हत्या में तरमीम कर आरोप पत्र दाखिल किया गया। इसका लाभ आरोपियों को मिला। उनकी जमानत आसानी से हो गई। वो जांच से संतुष्टï नहीं हैं। मामले की शिकायत राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में की थी। इस पर जांच सीबीसीआईडी को दी गई।

यह जांच के बिंदु

1. राजू गुप्ता को पुलिस खुद पकड़कर लाई या फिर उसे पड़ोसी ने पकड़कर पुलिस को सौंपा?

2. पुलिस पर पिटाई का आरोप लगा, राजू को कहां पर हिरासत में रखा गया?
3. हालत बिगडऩे पर किस हास्पिटल में ले जाया गया? उसकी मौत कहां हुई?

4. डाक्टर ने जब राजू को देखा था तो चोट कहां पर नजर आई थी? पोस्टमार्टम में कहां पर थीं?
5. राजू को कालोनी से लेकर आए तो किसी ने देखा था या नहीं?

6. हिरासत में रखने के समय कितने पुलिस कर्मी थे? थाना प्रभारी कहां थे?
7. थाना परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। उसमें रिकॉडिंग आई या नहीं? अगर, आई नहीं तो ऐसा क्यों हुआ?

8. दरोगा सहित तीन को किस आधार पर आरोपी बनाया गया?
मां और बहन की हो गई मौत

बेटे की मौत के बाद टूट गई मां 

राजू की मौत के गम में मां रेनू लता पूरी तरह से टूट गईं थीं। उनकी भी मौत हो गई। मकान मालिक की सूचना पर पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया गया। इसमें हृदय घात से मौत होना आया। राजू की एक बहन श्वेता वृंदावन में रहती थीं। उनकी भी मौत हो गई। एक बहन अन्नू दिल्ली में रहती है। उसका परिवार के लोगों से संपर्क नहीं है। सीबीसीआईडी के अपर पुलिस अधीक्षक राजेंद्र यादव ने बताया कि पुलिस हिरासत में राजू गुप्ता की मौत के मामले में पुलिस ने चार्जशीट लगाई थी। अब सीबीसीआईडी को जांच मिली है। सभी बिंदुओं पर पड़ताल की जाएगी। पीडि़त और आरोपी पक्ष के बयान लिए गए हैं।

पुलिस हिरासत में राजू गुप्ता की मौत के मामले में अमर उजाला जनता की आवाज बना था। प्रमुखता से खबरें प्रकाशित की थीं। पुलिस की जांच पर सवाल उठाए थे। दरोगा की गिरफ्तारी में बरती जा रही लापरवाही को उजागर किया था।