मुख्यमंत्री योगी ने सख्त निर्देश दिए थे कि एक अप्रैल को एक भी छुट्टा पशु बाहर न रहे। इस बाबत सोमवार को बैठक में पूरी रिपोर्ट पेश करनी थी पर पशुपालन विभाग शत प्रतिशत पशुओं को गोआश्रय स्थलों में भेजने रिपोर्ट पेश ही नहीं कर पाया। इस पर सीएम नाराज हो गए। सीएम ने कहा कि पांच अप्रैल तक रिपोर्ट पेश करें कि कितने छुट्टा पशु गोआश्रय स्थलों में हैं और कितने बाहर।

एक अप्रैल तक सभी छुट्टा गोवंश को गोआश्रय स्थलों में भेजने की मियाद पूरी हो गई। बावजूद इसके गोवंश के छुट्टा घूमने पर सीएम योगी आदित्यनाथ बेहद खफा हुए। उन्होंने पशुपालन विभाग अधिकारियों पर नाराजगी जताते हुए कहा कि तत्काल सभी नोडल अधिकारियों को उनके क्षेत्रों में भेजें। पांच अप्रैल तक रिपोर्ट पेश करें कि कितने छुट्टा पशु गोआश्रय स्थलों में हैं और कितने बाहर। यदि गोआश्रय स्थलों में उनके भूसे, चारे आदि के लिए धन की आवश्यकता है तो एक सप्ताह के भीतर पैसा सीधे डीबीटी से जारी कर दिया जाएगा। सभी गोवंश को गो आश्रय स्थलों में भेजा जाए। वह सोमवार को लोकभवन में निराश्रित गो-आश्रय स्थलों के प्रबंधन की समीक्षा कर रहे थे।

सीएम ने निर्देश दिए थे कि एक अप्रैल को एक भी छुट्टा पशु बाहर न रहे। इस बाबत सोमवार को बैठक में पूरी रिपोर्ट पेश करनी थी पर पशुपालन विभाग शत प्रतिशत पशुओं को गोआश्रय स्थलों में भेजने रिपोर्ट पेश ही नहीं कर पाया। इस पर सीएम नाराज हो गए। उन्होंने कहा कि नोडल अधिकारियों को मंडलों में भेजकर तत्काल सत्यापन कराए। पांच अप्रैल तक पूरी रिपोर्ट पेश करें। जहां धन की आवश्यकता है वहां रिपोर्ट भेजने के एक सप्ताह के भीतर संबंधित ग्राम समिति या देखभाल करने वाली संस्था को सीधे पैसा उनके खातों में भेजा जाएगा। कहा कि गोवंश के संवर्धन तथा संरक्षण के साथ साथ पशुपालकों के प्रोत्साहन के लिए सरकार ने कई योजनाएं चलाई हैं। पात्रों को इनका लाभ मिलना सुनिश्चित कराया जाए। बैठक में पशुधन धर्मपाल सिंह, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल आदि मौजूद थे।

11.33 लाख गोवंश भेजे

बैठक में बताया गया कि प्रदेश में 6719 निराश्रित गो-आश्रय स्थलों में 11 लाख 33 हजार से अधिक गोवंश संरक्षित हैं। 20 जनवरी से 31 मार्च तक चलाए गए विशेष अभियान के तहत 1.23 लाख गोवंश संरक्षित किए गए। जनपद संभल, मथुरा, मीरजापुर, शाहजहांपुर, संतकबीरनगर, अमरोहा, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद और फर्रुखाबाद में सर्वाधिक गोवंश संरक्षित किए गए हैं। सीएम ने कहा यह परिणाम अच्छे हैं पर यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रदेश के सभी ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में कोई भी गोवंश निराश्रित न हो। उन्हें चरणबद्ध रूप से सभी जिलों में इसी प्रकार से गो आश्रय स्थलों में पहुंचाया जाए।

1.77 हजार गोवंश आम लोगों को दिए
मुख्यमंत्री सहभागिता योजना के तहत अब तक 01 लाख 77 हजार से अधिक गोवंश आमजन को सुपुर्द किए गए हैं। कुपोषित बच्चों वाले परिवारों को दूध की उपलब्धता के लिए पोषण मिशन के तहत 3,598 गोवंश दिए गए हैं। सीएम ने कहा कि गोवंश की सेवा कर रहे सभी परिवारों को 900 रुपये प्रतिमाह की राशि हर महीने उपलब्ध करा दी जाए। गोवंश सत्यापन के लिए स्थानीय स्तर पर उपजिलाधिकारी स्तर के अधिकारी को नामित किया जाए।

अंत्येष्टि में 50 प्रतिशत उपलों का प्रयोग
सीएम ने कहा कि अंत्येष्टि स्थल, श्मशान घाट पर उपयोग की जाने वाली लकड़ी में 50 प्रतिशत गोवंश उपला, गोइठा, कंडा का उपयोग किया जाए। यह निराश्रित गो-आश्रय स्थल से उपलब्ध कराया जाएगा। इससे होने वाली आय उस गो-आश्रय स्थल के प्रबंधन में उपयोग हो सकेगी। प्रदेश के सभी 17 नगर निगमों और नगर पालिका परिषद वाले जिला मुख्यालयों पर कैटल कैचर वाहन की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।