उन्नाव जिले में शुक्लागंज के ब्रह्मनगर मोहल्ला निवासी कौशल अवस्थी की मौत के बाद बहन रानी को सहारा देने कोई आगे नहीं बढ़ा। इस पर पुलिस ने इसी मोहल्ले में रहने वाली मुंह बोली मौसी बीना पांडेय की सुपुर्दगी में दिया। बीना ने हंसी खुशी रानी का हाथ थामा और अपने घर ले गईं।

अपनों से ठुकराई रानी मुंह बोली मौसी के घर बुधवार को पहुंची, नहाने के बाद उसने भरपेट खाना खाया। आलू मिथौरी की सब्जी और रोटी खाकर रानी बोली एक माह बाद ऐसा खाना खाकर उसे मजा आया। मोहल्ला ब्रह्मनगर निवासी कौशल अवस्थी का चार दिन पुराना शव सोमवार को घर में मिला था।

रानी ने पहले तो साथ जाने के लिए आना कानी की, लेकिन बीना के समझाने पर देर रात वह उनके घर गई। बीना ने बताया कि बुधवार को सुबह रानी को नहला कर उसे चाय पिलाई, इसके बाद आलू मिथौरी की सब्जी और रोटी खाने को दिया। पूछने पर रानी ने बताया कि वह एक माह से से बिस्कुट और पानी के सहारे जी रही थी।

उसकी मानसिक विक्षिप्त अविवाहित बहन शव के पास बैठी मिली थी। सगे संबंधियों के मुंह मोड़ने पर मंगलवार को पुलिस ने अपने खर्च पर आनंदघाट पर उसका अंतिम संस्कार कराया था। मंगलवार की रात कौशल के घर पुलिस पहुंची और बीना को बुला कर रानी को उनके सुपुर्द किया।

भाई को याद कर कई बार भागने का किया प्रयास
मौसी बीना ने बताया कि उनकी नींद कई बार खुली, तो रानी को रात भर जागते हुए देखा। साथ ही कई बार कौशल को याद कर वह गेट की ओर भागते हुए गई। इस पर पकड़ कर वापस लाया गया। रात में ही कोतवाली प्रभारी को फोन कर रानी के बार-बार भागने की जानकारी दी गई। भोर पहर रानी सो गई तब उन्होंने राहत की सांस ली।

सगी बहन मौत के बाद भी देखने नहीं आई
कौशल के अंतिम समय में उसकी सगी बहन किरन ने साथ नहीं दिया। इसको लेकर मोहल्ले में तरह तरह की चर्चाएं होती रही। लोगों की मानें, तो मकान बेचने से मिली साढ़े चार लाख की रकम कौशल की दिवंगत मां विद्या अवस्थी ने अपनी बड़ी बेटी नीलम को दे दी थी।

इस बीच मां और बेटी नीलम दोनों की मौत हो गई। यह बात किरन व उसके ससुराल वालों को गलत लगी होगी, यही कारण रहा कि सगे भाई की मौत पर भी बहन किरन उसे एक बार भी देखने नहीं आई। हालांकि फोन पर उसने कुछ दिन में आने की बात कही है।

दो चार दिन में आएंगे तब तक संभालों
मौसी बीना ने बताया कि मंगलवार रात को उन्होंने कौशल की सिरकी मोहाल कानपुर में रहने वाली बहन किरन की बेटी श्रुति से फोन पर बात की और रानी को ले जाने को कहा। इस पर श्रुति बोली मौसी दो चार दिन संभाल लो मां और पिता के साथ हम सब कुछ दिन बाद पहुंचेंगे तब निर्णय लिया जाएगा।