डॉक्टरों ने बताया कि ऑपरेशन कर ओवेरियन सिस्ट, बच्चादानी और एक अन्य मांस के करीब 10 किलो वजनी गोले को निकाला गया है। सिविल सर्जन डॉ. एम सूर्यवंशी ने कहा कि पेट में किसी भी प्रकार की समस्या होने पर शुरुआती दौर में ही नजदीक स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करना चाहिए।

छत्तीसगढ़ के कबीरधाम में डॉक्टरों ने एक आदिवासी महिला का ऑपरेशन कर उसके पेट से 10 किलो का मांस का गोला निकाला। यह गोला महिला के ओवेरियर सिस्ट, बच्चेदानी और मांस से मिलकर बना था। इतना बड़ा और ऐसा ऑपरेशन जिला अस्पताल में पहली बार हुआ है। फिलहाल डॉक्टरों ने उसे हिस्टोपैथोलॉजिकल जांच के लिए बाहर भेजा है। वहीं महिला के पति ने कहा कि उसने डॉक्टरों के रूप में आज भगवान को देखा है।

बोडला विकासखण्ड के ग्राम शीतलपानी निवासी विशेष पिछड़ी बैगा जनजाति की सातोबाई बैगा (60) को लंबे समय से पेट दर्द की शिकायत थी। सातोबाई बैगा ने बताया कि पहले चलने में तकलीफ, पेट में दर्द, भारीपन, कमजोरी और सांस फूलने की समस्या हो रही थी। इस पर उसके पति रतिराम ने रायपुर और कवर्धा में प्राइवेट डॉक्टर को दिखाया, पर आराम नहीं मिला। इस पर वह रतिराम पत्नी को लेकर जिला अस्पताल पहुंचा।

जिला अस्पताल में डॉक्टरों ने सातोबाई का ऑपरेशन करने की सलाह दी। सीएमएचओ डॉ. सुजॉय मुखर्जी व सिविल सर्जन डॉ. एम सूर्यवंशी ने विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. किशन सोनी कैंसर सर्जन और गायनेकोलॉजिस्ट सर्जन डॉ. अजीत राडेकर से संपर्क किया। उनको ऑपरेशन के लिए बुलाया गया और पहली बार जिला अस्पताल में इतना बड़ा और सफल ऑपरेशन हो सका। महिला अब ठीक है और कुछ दिनों बाद डिस्चार्ज कर दिया जाएगा।

डॉक्टरों ने बताया कि ऑपरेशन कर ओवेरियन सिस्ट, बच्चादानी और एक अन्य मांस के करीब 10 किलो वजनी गोले को निकाला गया है। टीम में डॉ. महेश सूर्यवंशी निश्चेतना विशेषज्ञ, डॉ.आदेश बागड़े, स्टाफ मुकेश पटेल, जगदीश, ज्ञानू मानिकपुरी, सोना बैगा और निरंजन सिंह शामिल थे। सिविल सर्जन डॉ. एम सूर्यवंशी ने कहा कि पेट में किसी भी प्रकार की समस्या होने पर शुरुआती दौर में ही नजदीक स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क करना चाहिए।