आपको बता दें कि प्रोडक्शन कम होने और मांग अधिक होने से वैश्विक बाजार में चीनी कीमत 6 साल की रिकाॅर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई है।
आने वाले महीनों में चीनी की मिठास कम हो सकती है। दरअसल, एक महीने के भीतर चीनी की एक्स-मिल कीमतें 200 रुपये प्रति क्विंटल तक बढ़ गई है। इंडस्ट्री के सूत्रों के अनुसार उत्तर प्रदेश में चीनी की एक्स-मिल कीमतें बढ़कर 3590-3710 रुपये प्रति क्विंटल पहुंच गई है। वहीं, महाराष्ट्र में कीमत 3320-3360 रुपये पहुंच गई है। वहीं वैश्विक बाजार में भी चीनी की कीमत 6 साल की रिकाॅर्ड हाई पर पहुंच गई है। हालांकि, अभी भी खुदरा बाजार में चीनी की कीमत 42 रुपये प्रति किलो ही है। जानकारों का कहना है कि आने वाले समय में इसमें बढ़ोतरी हो सकती है। इसकी वजह एक्स-मिल कीमत में बढ़ोतरी है। साथ ही उत्पाद में गिरावट की आशंका।
आपको बता दें कि प्रोडक्शन कम होने और मांग अधिक होने से वैश्विक बाजार में चीनी कीमत 6 साल की रिकाॅर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई है। जानकारों का कहना है कि यूक्रेन-रूस संकट के बाद कच्चे तेल की आपूर्ति प्रभावित हुई है। इसके चलते कई देश जिसमें भारत भी शामिल है, इथेनाल बनाने में गन्ने का उपयोग बढ़ा सकती हैं। इथेनाल का इस्तेमाल पेट्रोल में होता है। इसके अलावा न्यूयॉर्क में कच्ची शकर के भाव बढ़कर 23.46 सेंट प्रति पाउंड हो गए हैं। ये अक्टूबर 2016 के बाद का उच्चतम स्तर है।
महाराष्ट्र में उत्पादन गिरा
इस बार गन्ने की फसल खराब मौसम के कारण भी प्रभावित हुई है। देश का सबसे बड़ा गन्ना उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में चीनी के उत्पादन में 10 लाख टन की कमी आई है। विपणन वर्ष ;अक्टूबर से सितंबर 2022.23 के दौरान 31 मार्च तक कुल शकर का उत्पादन घटकर 299.9 लाख टन रह गया है। विपणन वर्ष 2021.22 में 31 मार्च तक 309.9 लाख टन शकर का उत्पादन हुआ था। वहीं उत्तर प्रदेश में पिछले साल की इसी अवधि तक 87.5 लाख टन शकर का उत्पादन हुआ थाए जो इस साल बढ़कर 89 लाख टन पर पहुंच गया है।