व्यक्ति ने 19 जुलाई को टिकटॉक पर वीडियो पोस्ट किया था। इसमें उसने कथित तौर पर दलित समुदाय को निशाना बनाया था। मामले के जांच अधिकारी सार्जेंट एंड्रयू ग्रांट ने कहा, ‘मैं उन्हें दी गई सजा से खुश हूं।

ब्रिटेन की अदालत ने भारतीय मूल के एक व्यक्ति को सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो को लेकर 18 महीने कैद की सजा सुनाई है।

दक्षिण-पूर्व इंग्लैंड के बर्कशीर के स्लो के अमरीक बाजवा (68 वर्षीय) को पिछले हफ्ते सार्वजनिक संचार नेटवर्क द्वारा आपत्तिजनक/ अभद्र/ अश्लील / खतरनाक संदेश  भेजने के एक मामले में दोषी ठहराया गया। इसके बाद उन्हें सजा सुनाई गई। बाजवा पर 240 पाउंड का जुर्माना भी लगाया गया।

पुलिस ने मंगलवार को एक बयान में कहा, थेम्स वैली पुलिस की जांच के बाद एक व्यक्ति को सोशल मीडिया का इस्तेमाल करके आपत्तिजनक संदेश भेजने के लिए सजा सुनाई गई है।

व्यक्ति ने 19 जुलाई को टिकटॉक पर वीडियो पोस्ट किया था। इसमें उसने कथित तौर पर दलित समुदाय को निशाना बनाया था। मामले के जांच अधिकारी सार्जेंट एंड्रयू ग्रांट ने कहा, ‘मैं उन्हें दी गई सजा से खुश हूं, जो एक स्पष्ट संदेश देता है कि थेम्स वैली पुलिस इस तरह का व्यवहार बर्दाश्त नहीं करेगी।

उन्होंने कहा, हम अपने समुदायों की रक्षा और यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि सामुदायिक एकजुटता को कमजोर करने की क्षमता रखने वाली आपराधिक कार्रवाइयों से मजबूती से निपटा जाए।

बाजवा को उनकी पोस्ट के कुछ दिनों बाद 22 जुलाई को पिछले साल गिरफ्तार किया गया था। ब्रिटेन में जाति आधारित भेदभाव के खिलाफ अभियान चलाने वाले मानवाधिकार संगठन ‘एंटी कास्ट डिस्क्रिमिनेशन अलायंस’ (एसीडीए) उन संगठनों में शामिल है, जिन्होंने इस आपत्तिजनक ‘जातिवादी’ पोस्ट के बारे में शिकायत की थी।

एसीडीए के एक प्रवक्ता ने कहा, अमरीक बाजवा को 18 सप्ताह की जेल की सजा मामले की गंभीरता को बताती है।