गाजियाबाद। पिलखुवा के रहने वाले और बम्हेटा में सैलून संचालक मोइन की हत्या उसी की पत्नी ने अवैध संबंधों में बाधक बनने पर प्रेमी और उसके दोस्तों से कराई थी। रविवार रात 11 बजे पति की हत्या हो जाने के बाद 11:40 बजे उसने इसकी तस्दीक करने के लिए प्रेमी लाल उर्फ साजिद को फोन करके पूछा था काम हो गया या नहीं। पुलिस ने सीसीटीवी कैमरों की फुटेज और सर्विलांस के जरिये 24 घंटे में हत्या का खुलासा कर सैलून संचालक की पत्नी रेशमा और हत्या में शामिल रहे परवेज को गिरफ्तार कर लिया है। परवेज सैलून संचालक मोइन की पत्नी रेशमा के प्रेमी लाल उर्फ साजिद का दोस्त है। हत्या के मुख्य आरोपी साजिद और उसके साथी फिरोज व भूरा फरार हैं। उनकी तलाश की जा रही है।

ग्रामीण जोन के डीसीपी रवि कुमार ने बताया कि पिलखुवा में मीट की दुकान करने वाला लाल उर्फ साजिद भी रेशमा के घर के पास ही सद्दीकनगर में रहता था। दोनों में करीब चार साल से प्रेम संबंध थे। इस बात का पता रेशमा के पति सैलून संचालक मोइन को चला तो उसने विरोध किया। वह अक्सर पत्नी को साजिद से मिलने या फोन पर बात करने से रोकता था। रेशमा ने इस बात की जानकारी साजिद को दी थी। साजिद इससे नाराज था और वह मोइन को कई बार धमकी दे चुका था। बीती 23 जनवरी को साजिद और उसके दोस्त परवेज ने मोइन और उसके बेटे आदिल के साथ मारपीट की थी। इसकी शिकायत उसने हापुड़ के एसपी और पिलखुवा थाने में भी दी थी, लेकिन पुलिस की ओर से कार्रवाई नहीं हुई। डीसीपी रवि कुमार ने बताया कि इसके बाद रेशमा और उसके प्रेमी साजिद उर्फ लाल ने मोइन की हत्या कर उसे रास्ते से हटाने की साजिश रची और बीते रविवार की रात वारदात को अंजाम दे दिया।

पुलिस को चकमा देने के लिए शव पिलखुवा से लाकर बम्हेटा में फेंका
डीसीपी ग्रामीण रवि कुमार ने बताया कि पूछताछ और सीसीटीवी कैमरों की फुटेज से पता चला कि रविवार रात 9:30 बजे मोइन ने अपना सैलून बंद कर पड़ोसी को चाभी दी और घर जाने के लिए निकल गया था। 9:36 बजे वह एनएच-9 पर आकर पिलखुवा जाने के लिए ऑटो में बैठ गए। इसकी तस्दीक सीसीटीवी कैमरों की फुटेज से भी हुई है। इसके बाद पिलखुवा स्टैंड पर उतरकर पैदल घर जाने लगे। डीसीपी ने बताया रास्ते में पुलिया के पास साजिद, परवेज और उसके दो अन्य साथी फिरोज व भूरा मिले। चारों ने उसे दबोच लिया और उसी की शर्ट फाड़कर कपड़े से गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। इसके बार उन्होंने अपने एक साथी की कार ली और देर रात 2:11 बजे शव को बम्हेटा में पहलवान गेट के पास फेंककर फरार हो गए। साजिद और उसके साथियों ने पुलिस को उलझाने के लिए शव बम्हेटा में लाकर फेंका था, ताकि लगे की गाजियाबाद में ही किसी ने उसकी हत्या की है।

वारदात के लिए रेशमा और साजिद की कई बार हुई फोन पर बात
एसीपी वेवसिटी रवि प्रकाश का कहना है कि वारदात के दिन मोइन की पत्नी रेशमा की अपने प्रेमी लाल उर्फ साजिद से कई बार बात हुई। हत्या के बाद रेशमा ने रात 11:40 बजे साजिद को फोन किया और पूछा कि काम हो गया या नहीं। इसके बाद सुबह चार बजे फिर से दोनों की फोन पर बात हुई। वारदात की रात यानी रविवार को हत्या में शामिल फिरोज और रेशमा की करीब 15 मिनट तक बातचीत हुई है। हालांकि पूछताछ में रेशमा ने बातचीत का खुलासा नहीं किया।

ढाई घंटे शव को लेकर घूमते रहे आरोपी, कहीं नहीं हुई पुलिस चेकिंग
हापुड़ और गाजियाबाद पुलिस मुस्तैद होती तो हत्या के आरोपी रात को ही रंगेहाथ पकड़े जा सकते थे। हत्या के बाद आरोपी मोइन के शव को कार में लेकर करीब ढाई घंटे तक सड़कों पर घूमते रहे, लेकिन न तो हापुड़ में और न ही गाजियाबाद में उन्हें पुलिस ने रोका। वह कई थानों और चौकी की सीमाओं को पार करते हुए देर रात करीब 2.15 बजे बम्हेटा पहुंचे और सड़क किनारे शव को फेंक दिया। यहां भी पुलिस गश्त पर होती तो आरोपी रंगेहाथ पकड़े जाते। कई घंटे शव यहां पड़ा रहा, सुबह ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी।