उमेश पाल हत्याकांड में माफिया अतीक अहमद के साथ आरोपी उसका भाई अशरफ अपने बुने जाल में ही फंस गया। उसने पुलिस अधिकारियों को आश्वासन दिया था कि वह तीन शूटरों को उनके हवाले कर देगा। लेकिन बाद में वह मुकर गया।
माफिया अतीक अहमद के बेटे असद और उसके साथी गुलाम के एनकाउंटर की खबर दूसरे दिन भी सोशल मीडिया में ट्रेंड करती रही। शुक्रवार दोपहर तक असद एनकाउंटर टॉप टेन में शामिल रहा। सोमवार को हैशटैग असद एनकाउंटर ट्रेंड करता रहा। असद एनकाउंटर के बाद इंटरनेट मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर मीम्स की भी बाढ़ आ गई। ट्विटर, फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम आदि प्लेटफार्म पर शुक्रवार को भी लोग अपनी प्रतिक्रिया देते रहे।
उधर, उमेश पाल हत्याकांड में माफिया अतीक अहमद के साथ आरोपी उसका भाई अशरफ अपने बुने जाल में ही फंस गया। उसने पुलिस अधिकारियों को आश्वासन दिया था कि वह तीन शूटरों को उनके हवाले कर देगा। ये वादा उसने उमेश पाल अपहरण केस में सजा सुनाए जाने के लिए बरेली जेल से प्रयागराज की अदालत में आने के दौरान किया था।
हालांकि जैसे ही वह बरेली वापस जाने के लिए पुलिस की वैन पर सवार हुआ, वह मुकर गया। वह रास्ते भर वैन में सवार पुलिसकर्मियों को धमकाता रहा। उसने पुलिसकर्मियों से कहा कि वह किसी भी हाल में शूटरों को पुलिस को नहीं सौंपेगा।
असद और बाकी शूटरों की तलाश में पूरी ताकत झोंकी
अशरफ की इस हरकत के बारे में जैसे ही पुलिस अधिकारियों को पता चला, उनको आभास हो गया कि अशरफ उनको झांसा देकर असद और शूटरों के बचते रहने का प्रयास कर रहा था। इसके बाद असद और बाकी शूटरों की तलाश में पूरी ताकत झोंक दी गयी। असद और गुलाम का पीछा कर रही एसटीएफ की टीम को दोनों के झांसी में सतीश पांडेय के घर पर छिपे होने की सूचना मिली जिसके बाद उनको घेर लिया गया।