उमेश पाल और उसके दो सरकारी सुरक्षाकर्मियों की नृशंस हत्या की साजिश में आरोपित बनाए गए अतीक के वकील विजय मिश्रा के खिलाफ पुलिस को अहम साक्ष्य मिले हैं। उसके मोबाइल की काल डिटेल रिपोर्ट (सीडीआर) से पता चला है कि बरेली जेल में बंद रहे अशरफ और वकील विजय के बीच 50 दिनों में 40 बार बातचीत हुई थी। कई बार उनके बीच लंबी-लंबी बात भी हुई थी।

उमेश पाल और उसके दो सरकारी सुरक्षाकर्मियों की नृशंस हत्या की साजिश में आरोपित बनाए गए अतीक के वकील विजय मिश्रा के खिलाफ पुलिस को अहम साक्ष्य मिले हैं। उसके मोबाइल की काल डिटेल रिपोर्ट (सीडीआर) से पता चला है कि बरेली जेल में बंद रहे अशरफ और वकील विजय के बीच 50 दिनों में 40 बार बातचीत हुई थी। कई बार उनके बीच लंबी-लंबी बात भी हुई थी।

इतना ही नहीं, उमेश पाल की हत्या से कुछ घंटे पहले छह बार बातचीत हुई थी। उसके मोबाइल की लोकेशन भी कचहरी में मिली थी। आरोपित विजय इंटरनेट काल व फेसटाइम एप के जरिए संपर्क करता था। इसी आधार पर पुलिस ने उमेश पाल हत्याकांड के मुकदमे में विजय का नाम बढ़ाते हुए वांछित किया था।

खान शौलत हनीफ ने खोला था विजय का राज

पुलिस का दावा है कि अतीक के राजदार सजायाफ्ता वकील खान शौलत हनीफ को पुलिस कस्टडी रिमांड लेकर जब पूछताछ की गई थी तो उसने विजय के बारे में बताया था। कहा था कि हत्या की योजना के बारे में विजय को भी मालूम था। वह लगातार अशरफ से संपर्क कर रहा था।

उमेश पाल की लोकेशन भी शूटरों को विजय ने शेयर की थी। पुलिस का कहना है कि इंटरनेट काल का रिकार्ड खंगाला गया है, जिसमें विजय व अशरफ के बीच हुई बातचीत के पुख्ता सबूत मिले हैं। वह अतीक की बीवी शाइस्ता और अशरफ की बीवी जैनब के भी संपर्क में रहता था।

फरारी काटने के दौरान उनकी कई तरह की मदद करता था, खासतौर पर जमीन बिकवाने का काम उसी के जिम्मे था।

बुर्कानशी कौन, पता लगा रही पुलिस

होटल हयात लिगेसी में बुर्कानशी महिला कौन थी, इसके बारे में पुलिस पता लगा रही है। अभी तक की छानबीन में यह बात सामने आई है कि महिला अतीक के परिवार की सदस्य है, लेकिन उसके नाम से पर्दा नहीं उठ सका है। आशंका जताई गई है कि वह महिला जैनब हो सकती है, मगर इसके प्रमाणिक साक्ष्य नहीं मिल सके हैं।