मणिपुर मुद्दे (Manipur Violence) पर संसद के दोनों सदनों (Parliament Monsoon Session 2023) में हंगामा जारी है। विपक्ष लगातार सरकार से इस मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहा है। इस बीच राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ (Chairman Jagdeep Dhankhar) ने बुधवार को स्पष्ट रूप से कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) को सदन में आने के लिए कोई निर्देश जारी नहीं कर सकते हैं।

मणिपुर मुद्दे (Manipur Violence) पर संसद के दोनों सदनों (Parliament Monsoon Session 2023) में हंगामा जारी है। विपक्ष लगातार सरकार से इस मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहा है। इस बीच राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ (Chairman Jagdeep Dhankhar) ने बुधवार को स्पष्ट रूप से कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) को सदन में आने के लिए कोई निर्देश जारी नहीं कर सकते हैं।

बता दें कि राज्यसभा के नियम 267 के तहत मणिपुर हिंसा पर चर्चा की मांग कर रहे विपक्षी नेताओं ने बाद में विरोध करते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया।

इससे पहले, सूचीबद्ध कागजात पेश किए जाने के तुरंत बाद धनखड़ ने कहा कि उन्हें नियम 267 के तहत मणिपुर में अशांति पर चर्चा की मांग के लिए 58 नोटिस मिले हैं। हालांकि, उन्होंने यह कहते हुए नोटिस स्वीकार नहीं किया कि वे क्रम में नहीं थे।

‘नियम 267 के तहत मणिपुर मुद्दे पर होनी चाहिए चर्चा’

“वहीं, खरगे ने कहा कि उन्होंने अपने नोटिस में आठ बिंदु बताए हैं कि क्यों मणिपुर मुद्दे पर नियम 267 के तहत चर्चा होनी चाहिए और प्रधानमंत्री को सदन में बयान देना चाहिए। उन्होंने हिंसा में मारे गए और घायल हुए लोगों की संख्या का भी हवाला दिया। इस पर, धनखड़ ने टिप्पणी करते हुए कहा कि विपक्ष के नेता को मंच दिया गया था, लेकिन उन्होंने इस अवसर का पूरी तरह से इस्तेमाल नहीं किया।”

विपक्षी नेताओं ने सदन में की नारेबाजी

इसके बाद विपक्ष ने सदन में प्रधानमंत्री मोदी की उपस्थिति की मांग को लेकर नारेबाजी शुरू कर दी। हालांकि, सभापति सहमत नहीं हुए। धनखड़ ने कहा कि मैंने स्पष्ट शब्दों में यह संकेत दिया था कि इस कुर्सी से अगर मैं पीएम मोदी को उपस्थिति के लिए निर्देश देता हूं तो मैं अपनी शपथ का उल्लंघन करूंगा। धनखड़ ने कहा कि ऐसा कभी नहीं हुआ है।

पीएम को निर्देश नहीं दिया सकता- सभापति

“उन्होंने आगे कहा कि अगर प्रधानमंत्री आना चाहते हैं, तो हर किसी की तरह यह उनका विशेषाधिकार है। यहां से इस प्रकार का एक निर्देश, जो कभी जारी नहीं किया गया है और न किया जाएगा। धनखड़ ने कहा कि आपको अच्छी तरह से सलाह नहीं दी जा रही है। आपके पक्ष में कानूनी विशेषज्ञ हैं। उनसे पता करें। वे आपकी मदद करेंगे।”

विपक्षी नेताओं ने सदन से किया वॉक आउट

वहीं, सभापति द्वारा उनकी मांग नहीं माने जाने पर विपक्षी नेताओं ने सदन से वॉक आउट कर दिया। धनखड़ ने टिप्पणी की है कि सदस्य सदन से बाहर नहीं जा रहे हैं, बल्कि संवैधानिक दायित्व और लोगों के प्रति कर्तव्य का पालन कर रहे हैं।

नियम 176 के तहत चर्चा के लिए तैयार थी सरकार

इससे पहले, धनखड़ ने कहा कि नियम 176 के तहत चर्चा के लिए कोई समय सीमा नहीं है। सरकार नियम 176 के तहत मणिपुर मुद्दे पर चर्चा के लिए सहमत हुई थी। मणिपुर में कानून व्यवस्था की स्थिति और अन्य संबंधित मुद्दों और राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर अल्पकालिक चर्चा 31 जुलाई के लिए सूचीबद्ध थी, लेकिन विपक्ष के विरोध के कारण यह नहीं हो सकी।

क्या है नियम 267?

राज्यसभा की नियम पुस्तिका के नियम 267 के तहत किसी भी सदस्य द्वारा सुझाए गए मुद्दे पर चर्चा करने के लिए दिनभर के सूचीबद्ध एजेंडे को रोकता है, ताकि सदस्य द्वारा सुझाए गए मुद्दे पर सदन में चर्चा की जा सके।