Manipur Violence मणिपुर में दो समुदायों कुकी और मैतेई के बीच हिंसा जारी है। इस हिंसा में अब तक दोनों समुदाय के कई लोगों की मृत्यु हो चुकी है। एक आदिवासी संगठन ने कहा कि कुकी-ज़ो समुदाय गुरुवार को चुराचांदपुर जिले के लमका शहर में मणिपुर में जातीय संघर्ष में मारे गए 35 लोगों के लिए दफन सेवा आयोजित करेगा।

मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदाय के बीच हिंसा जारी है। वहीं, अब एक आदिवासी संगठन ने कहा है कि कुकी-ज़ो समुदाय गुरुवार को चुराचांदपुर जिले के लमका शहर में मणिपुर में जातीय संघर्ष में मारे गए 35 लोगों के लिए दफन सेवा आयोजित करेगा।

इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (ITLF) तुइबोंग शांति मैदान में दफन कार्यक्रम का आयोजन कर रहा है।

कुकी-ज़ो समुदाय के संगठन आईटीएलएफ ने एक बयान में कहा कि उसके अध्यक्ष पा जिन हाओकिप इस अवसर पर विदाई भाषण देंगे।

अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए मैतेई समुदाय की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद 3 मई को मणिपुर में जातीय झड़पें होने के बाद से 160 से अधिक लोगों की जान चली गई और कई लोग घायल हो गए।

मणिपुर की आबादी में मेइतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं। आदिवासी – नागा और कुकी – 40 प्रतिशत से कुछ अधिक हैं और पहाड़ी जिलों में रहते हैं।