चुनावी साल में उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार गांवों में निवास करने वालों को बड़ा उपहार देने जा रही है। उत्तर प्रदेश के 12 हजार से ज्यादा गांवों के 17.68 लाख निवासियों को उनकी आवासीय संपत्तियों के स्वामित्व प्रमाणपत्र (ग्रामीण आवासीय अभिलेख यानि घरौनी) देने की तैयारी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वाराणसी में 23 दिसंबर को आयोजित होने वाले कार्यक्रम में ग्रामीणों को घरौनी सौंपेंगे।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वाराणसी में कुछ लोगों को स्वयं और बाकी को डिजिटल मोड से घरौनी वितरित करेंगे। अपर मुख्य सचिव राजस्व मनोज कुमार सिंह ने आयुक्त एवं सचिव राजस्व परिषद को वाराणसी के जिला प्रशासन से समन्वय कर घरौनी वितरण की तैयारियां समय से पूरी करने का निर्देश दिया है।
ग्रामीणों को उनकी आवासीय संपत्ति के स्वामित्व का अभिलेख उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार का पंचायती राज मंत्रालय स्वामित्व योजना संचालित कर रहा है। योजना के तहत गांवों के आबादी क्षेत्र का ड्रोन के जरिये हवाई सर्वेक्षण कराकर उसके आधार पर तैयार की गई घरौनी लोगों को दी जा रही है। प्रदेश के 82913 गांव योजना के तहत ड्रोन से हवाई सर्वेक्षण के लिए अधिसूचित किये जा चुके हैं।
जिन गांवों में हवाई सर्वेक्षण का काम पूरा हो चुका है, अब तक उनमें से 14,346 गांवों की 20.42 लाख आवासीय संपत्तियों की घरौनी तैयार की जा चुकी है। इनमें से 2006 गांवों के 2.74 लाख संपत्तियों के मालिकों को पहले ही घरौनी बांटी जा चुकी है। अब 12,340 गांवों की 17.68 लाख संपत्तियों के स्वामियों को घरौनी वितरण होना है।
पिछले साल 11 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के 346 गांवों में घरौनी वितरण का शुभारंभ करने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बीते सितंबर में संयुक्त राष्ट्र आम सभा को संबोधित करते हुए भारत के ग्रामीणों को प्रापर्टी कार्ड वितरण का उल्लेख किया था। स्वामित्व योजना में उत्तर प्रदेश का प्रदर्शन अन्य राज्यों से अच्छा है। प्रधानमंत्री मोदी के हाथों 12,000 से ज्यादा गांवों के निवासियों को घरौनी वितरण कराकर चुनावी वर्ष में इसका राजनीतिक लाभ लेने की मंशा है।