भोजपुरी सिनेमा के स्टार और भाजपा सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ की बायोपिक ‘अभिनेता से राजनेता’ की शूटिंग शुरू करने से पहले ही इसके निर्माता ने भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री छोड़ दी है। इस फिल्म की घोषणा पिछले साल अगस्त में हुई थी। बायोपिक बनाने वाले निर्माता अशोक प्रसाद अभिषेक फिल्म के प्री प्रोडक्शन के दौरान काफी परेशान रहे हैं और जानकारी के मुताबिक भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में करीब दो करोड़ रुपये खर्च करने के बाद भी किसी कलाकार की शूटिंग की तारीखें न मिलने से परेशान होकर उन्होंने ये कदम उठाया है।

पेशे से आईटी प्रोफेशनल अशोक प्रसाद अभिषेक ने बडी धूमधाम से बीते साल अपनी प्रोडक्शन कंपनी की शुरुआत की थी। अपने प्रोडक्शन के बैनर तले बनने जा रही फिल्म के लिए उन्होंने सबसे पहले दिनेश लाल यादव निरहुआ को अपनी फिल्म के लिए साइन किया और दिनेश लाल यादव निरहुआ की बायोपिक ‘अभिनेता से राजनेता’ बनाने की घोषणा की, इस फिल्म को निर्देशित करने की जिम्मेदारी उन्होंने संतोष मिश्रा को दी जो दिनेश लाल यादव निरहुआ के साथ अब तक ‘पटना से पाकिस्तान’, ‘बम बम बोल रहा है काशी’, ‘बॉर्डर’ सहित कई भोजपुरी फिल्में बना चुके हैं।

फिल्म ‘अभिनेता से राजनेता’ का पूरा मामला जमाने के बाद निर्माता अशोक प्रसाद अभिषेक ने अभिनेता खेसारी लाल यादव को लेकर फिल्म ‘लाल सोना’ और अभिनेता पवन सिंह को लेकर एक अनाम भोजपुरी फिल्म की तैयारी शुरू कर दी। जानकारी के मुताबिक भोजपुरी के तीन बड़े कलाकारों को अनुबंधित करने, प्रोडक्शन कंपनी की लॉन्चिंग करने और प्री प्रोडक्शन की तैयारी में अशोक करीब दो करोड रुपये खर्च कर चुके हैं, लेकिन अभी तक उनकी एक भी फिल्म की शूटिंग शुरू नहीं हो पाई है।

दिनेश लाल यादव निरहुआ की बायोपिक ‘अभिनेता से राजनेता’ की शूटिंग पिछले साल दशहरा के बाद ही शुरू होनी थी, लेकिन किसी न किसी वजह से फिल्म की शूटिंग आगे खिसकती रही। अशोक प्रसाद अभिषेक के करीबी बताते हैं कि दिनेश लाल यादव निरहुआ के पास शूटिंग की डेट्स के लिए निर्माता कई बार चक्कर लगाए लेकिन अभी तक उन्हें दिनेश लाल यादव निरहुआ के तरह से डेट्स नहीं मिल पाएं हैं। सांसद बनने के बाद दिनेश लाल यादव निरहुआ ने इतनी फिल्में साइन कर ली है कि उनके लिए अब शूटिंग की तारीखों का प्रबंधन मुश्किल हो रहा है।

भोजपुरी के दिग्गज निर्देशक दिनकर कपूर की मानें तो तमाम निर्माताओं ने उत्तर प्रदेश सरकार से फिल्मों के लिए मिलने वाली वित्तीय सहायता के लालच में आकर ही दिनेश लाल यादव निरहुआ को अपनी फिल्मों के लिए साइन किया है। लेकिन हर फिल्म को सब्सिडी मिलेगी, यह कैसे संभव हो सकता है। फिल्म के निर्माताओं को यह बात समझनी चाहिए। उधर, दिनेश लाल यादव निरहुआ की बायोपिक को लेकर जब उनकी टीम से संपर्क किया गया तो पता चला कि उनकी बायोपिक फिल्म का निर्माता बदलने की चर्चा वहां भी शुरू हो चुकी है।