कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की तरफ से मुख्यमंत्री पद के लिए वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया और कर्नाटक के कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार के अलावा पार्टी के मुखिया मल्लिकार्जुन खरगे का नाम भी दौड़ में शामिल है। खरगे का समर्थन करने वाले केपीसीसी के प्रमुख के इस कदम पर कुछ लोगों का मामना है कि यह पार्टी के अंदर दलित मुख्यमंत्री और मूल निवासी बनाम प्रवासी की बहस छिड़ने वाला साबित होगा।

एक तरफ शिवकुमार ने अपने बयान में कहा है कि वह खरगे के अधीन काम करना पसंद करेंगे। खरगे के नाम को सामने लाने के संबंध में पूछे गए एक सवाल के जवाब में शिवकुमार ने कहा कि खरगे हमारे वरिष्ठ नेता और एआईसीसी अध्यक्ष हैं। उन्होंने इसके लिए (मुख्यमंत्री पद) नहीं मांगा है, कांग्रेस सत्ता में आए, यही उनकी एकमात्र इच्छा है। वह एक वरिष्ठ नेता हैं और कुछ लोगों का मानना है कि उनके साथ अतीत में अन्याय हुआ है।

सोमवार को श्रृंगेरी में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि पार्टी जो कहती है, हमें उसका पालन करना चाहिए। हमारे लिए पार्टी महत्वपूर्ण है। मैं इसे पार्टी पर छोड़ दूंगा, सिद्धारमैया और अन्य लोग भी पार्टी का पालन करेंगे। खरगे के सीएम बनने की दौड़ से पीछे हटने के सवाल पर शिवकुमार ने कहा कि वह (खरगे) मेरे नेता हैं, मुझे उनके अधीन काम करना अच्छा लगेगा। मैं पार्टी के फैसले का पालन करूंगा।

बाद में अपने बयान का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि खरगे वरिष्ठ हैं, वह हमारे एआईसीसी अध्यक्ष हैं, अगर हम उनका और उनके नेतृत्व का समर्थन नहीं करते हैं, तो क्या यह सही होगा। पार्टी का सत्ता में आना महत्वपूर्ण है, हम नहीं।

शिवकुमार के बयानों पर पूछे जाने पर सिद्धारमैया ने रविवार को कहा कि हर कोई आलाकमान के फैसले का पालन करेगा। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, खरगे तीन बार 1999 में एस एम कृष्णा से, 2004 में एन धरम सिंह से और 2013 में सिद्धारमैया से मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में हार गए थे।

पार्टी के एक पदाधिकारी ने कहा कि एआईसीसी अध्यक्ष के रूप में उनकी लोकसभा 2024 चुनावों में और उससे पहले कर्नाटक में बड़ी भूमिका होगी। इन भूमिकाओं में पार्टी का नेतृत्व करना और चुनावों के लिए इसे तैयार करना और विपक्षी एकता को मजबूत करना है।

हालांकि, दलित समुदाय के 80 वर्षीय नेता खरगे के बारे में शिवकुमार के बयानों ने एक बार फिर कांग्रेस में बहस छेड़ दी है, इस समुदाय के अन्य वरिष्ठ नेताओं जैसे जी परमेश्वर और के एच मुनियप्पा भी चुनावी मैदान में हैं।