14 फरवरी 1981 को बेहमई गांव में दस्यु फूलन देवी ने सामूहिक नरसंहार की घटना को अंजाम दिया था। इसमें 20 लोगों की मौत हो गई थी। छह लोग घायल हो गए थे। मामले में गांव के ही राजाराम ने मुकदमा दर्ज कराया था।

42 साल पुराने बेहमई कांड मामले में जेल में बंद आरोपी पोसा (85) की तबीयत सोमवार देर रात बिगड़ गई। जेल अस्पताल से उसे जिला अस्पताल ले जाया गया। वहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। बेहमई कांड में पोसा जेल में बंद अकेला आरोपी था, अन्य दो आरोपी जमानत पर हैं।

14 फरवरी 1981 को बेहमई गांव में दस्यु फूलन देवी ने सामूहिक नरसंहार की घटना को अंजाम दिया था। इसमें 20 लोगों की मौत हो गई थी। छह लोग घायल हो गए थे। मामले में गांव के ही राजाराम ने मुकदमा दर्ज कराया था।

 

मामले की सुनवाई एंटी डकैती कोर्ट बाकर शमीम रिजवी की अदालत में चल रही है। बचाव पक्ष की बहस पूरी हो जाने पर अब अदालत ने अभियोजन पक्ष की बहस के लिए 12 अप्रैल की तिथि नियत की है। मौजूदा समय में आरोपी श्यामबाबू व विश्वनाथ जमानत पर हैं। जबकि आरोपी पोसा गिरफ्तारी के बाद से लगातार जेल में बंद रहा। वृद्ध व बीमार होने के कारण उसे जेल से नहीं लाया जाता रहा है।

 

पिछले 24 मार्च को भी उसकी तबीयत बिगड़ गई थी। इसपर पहले जिला अस्पताल व बाद में उसे हैलट में इलाज के लिए भेजा गया। इधर सोमवार को शाम से ही उसकी तबीयत ठीक नहीं थी। जेल अस्पताल में हालत बिगड़ने पर रात में उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया। जेल वार्डर प्रभू प्रताप सिंह व हरी ओम रात 11 बजे उसे लेकर ज़िला अस्पताल की इमरजेंसी पहुंचे। वहां डॉ. निशांत पाठक ने परीक्षण के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। डॉक्टर ने बताया कि पोसा का कानपुर हैलेट में टीबी का इलाज चल रहा था। शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल में रखवा दिया गया है। थाना अकबरपुर पुलिस को सूचना दी गई है।