पंडित दीनदयाल उपाध्याय जिला चिकित्सालय के फिजिशियन डॉ. पीके सिंह ने बताया कि हर्बल रंग और गुलाल का प्रयोग बेहतर रहेगा। रंग खेलने से पहले त्वचा पर एंटी एलर्जिक क्रीम या तेल लगा लें। बालों को कपड़े से बांध लें, ताकि रंग गुलाल बालों में न जाए। सांस के साथ फेफड़ों तक न पहुंचे। त्वचा से तत्काल रंग छुड़ाने के लिए रगड़े नहीं।

होली पर रंग-गुलाल लगाने से लेकर खाने-पीने तक हर कदम पर सावधानी की जरूरत है। जरा सी लापरवाही पर्व में खलल डाल सकती है। जरूरी है कि होली खेलने के साथ त्वचा की स्थिति को पहचाने और उसके अनुसार ही रंग लगाएं।

पंडित दीनदयाल उपाध्याय जिला चिकित्सालय के फिजिशियन डॉ. पीके सिंह ने बताया कि हर्बल रंग और गुलाल का प्रयोग बेहतर रहेगा। रंग खेलने से पहले त्वचा पर एंटी एलर्जिक क्रीम या तेल लगा लें। बालों को कपड़े से बांध लें, ताकि रंग गुलाल बालों में न जाए। सांस के साथ फेफड़ों तक न पहुंचे। त्वचा से तत्काल रंग छुड़ाने के लिए रगड़े नहीं।

बालों का इस तरह से रखें ख्याल
बालों से रंग-गुलाल निकालने के लिए तेजी से कंघी न करें। आंखों को थोड़ी-थोड़ी देर में ताजा पानी से बार-बार साफ करते रहें। भरपूर पानी पीकर होली खेलें, शरीर में पानी की कमी नहीं होने दें। ज्यादा तला हुआ न खाएं। दही का प्रयोग करें, इससे पाचन क्रिया सामान्य रहती है। जलन होने पर जीरा लें, उसके 50-60 दाने ताजा पानी से खाएं। शुगर और ब्लड प्रेशर को ध्यान में रखें।