बीसीसीआई की अपील पर आईसीसी की सदस्यीय समिति जांच करेगी और 14 दिन के अंदर अपना फैसला सुनाएगी। इंदौर टेस्ट की पिच को आईसीसी की तरफ से खराब रेटिंग दी गई थी।

इंदौर टेस्ट की पिच की खराब रेटिंग को लेकर बीसीसीआई ने आईसीसी में औपचारिक अपील दायर कर दी है। मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के स्वामित्व वाले इंदौर के होल्कर स्टेडियम से जुड़े अधिकारी ने यह जानकारी दी है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आईसीसी का दो सदस्यीय पैनल इस मामले में जांच के बाद आईसीसी के फैसले की समीक्षा करेगा और 14 दिन के अंदर अपना फैसला सुनाएगा।

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी सीरीज का तीसरा टेस्ट इंदौर में तीन दिन के अंदर खत्म हो गया था। इस मैच में शुरुआती दो दिनों में 30 विकेट गिरे थे। इस टेस्ट में 31 में से 26 विकेट स्पिन गेंदबाजों ने लिए थे। ऑस्ट्रेलिया ने तीसरे दिन के पहले सत्र में यह मैच नौ विकेट से अपने नाम किया था और सीरीज में बेहतरीन वापसी की थी।

अपनी रिपोर्ट में मैच रेफरी ब्रॉड ने कहा था कि “पिच बहुत सूखी थी और बल्ले और गेंद के बीच संतुलन प्रदान नहीं करती थी, शुरू से ही स्पिन गेंदबाजों को मदद मिल रही थी। पूरे मैच के दौरान पिच में अत्यधिक और असमान उछाल था”। ब्रॉड की खराब रेटिंग का मतलब था कि यह मैदान अब तीन डिमेरिट अंक हासिल कर चुका है। यह पांच साल की अवधि के लिए सक्रिय रहेगा। यदि इसे दो और डिमेरिट अंक दिए जाते हैं, तो इस मैदान को 12 महीनों के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की मेजबानी से निलंबित कर दिया जाएगा।

पहले दो टेस्ट के मैच रेफरी एंडी पाइक्रॉफ्ट ने नागपुर और दिल्ली में उपयोग की जाने वाली सतहों को “औसत” करार दिया था। ये दोनों टेस्ट भी तीन दिनों के भीतर समाप्त हो गए थे और भारत ने दोनों मुकाबलों में जीत हासिल की थी।

मैच रेफरी के पास पिच की रेटिंग के लिए छह पैमाने होते हैं। बहुत अच्छी, अच्छी, औसत, औसत से नीचे, खराब और अयोग्य। औसत से कम रेटिंग वाली खराब या अयोग्य पिच को ही डिमेरिट अंक दिए जाते हैं।

इंदौर को आनन-फानन में मिली थी मेजबानी
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट सीरीज का तीसरा मुकाबला धर्मशाला में होना था, लेकिन बीसीसीआई की जांच समिति ने पाया कि यह मैदान सर्दियों में टेस्ट मैच की मेजबानी के लिए तैयार नहीं है। धर्मशाला के मैदान में कई हिस्सों पर पर्याप्त घांस नहीं थी। इसके बाद बीसीसीआई ने एक मार्च को इस मैच की मेजबानी इंदौर को दे दी थी, जबकि मुकाबला 13 मार्च से शुरू होना था।बोर्ड के लिए पिच रेटिंग के खिलाफ अपील करना असामान्य है, लेकिन यह पहला मामला नहीं है। पीसीबी ने हाल ही में पिच की रेटिंग के खिलाफ अपील की थी और उसकी अपील सफल रही थी। पिछले साल दिसंबर में इंग्लैंड और पाकिस्तान के बीच हुए मैच के लिए रावलपिंडी की पिच को एक डिमेरिट अंक दिया गया था। मैच रेफरी पाइक्रॉफ्ट ने भी पिच को “औसत से नीचे” का दर्जा दिया था। इंग्लैंड ने यह टेस्ट 74 रन से जीता था। हालांकि, बाद में पीसीबी की अपील पर जांच हुई और यह डिमेरिट अंक हटा दिया गया। अब बीसीसीआई को भी ऐसी ही उम्मीद है।