World sleep day 2023: कुछ लोग रात में जागते हैं खास कर कि 12 से 3 बजे के बीच और फिर सुबह के 4 बजे से सोना शुरू करते हैं। ऐसे लोगों में ये बीमारियां तेजी से हो सकती हैं। कैसे, जानते हैं।

World sleep day 2023: नींद की कमी अक्सर लोगों को लंबे समय तक परेशान कर सकती है। ये परेशानी आपके सोच से भी ज्यादा बड़ी हो सकती है। जी हां, अगर आप उन लोगों में हैं जो कि रात में 1 बजे से 3 बजे के बीच जागते रहते हैं और सुबह 4 बजे के करीब सोते हैं। तो, आपकी स्लीप साइकिल बेहद ही खराब हो सकती है। दरअसल, रात का समय यानी अंधेरे के साथ सेरोटोनिन (Serotonin) हार्मोन का बढ़ना। ये मन को शांत करने और नींद की ओर ले जाने के लिए जााना जाता है। साथ ही ये इलेक्ट्रोफिजियोलॉजिकल, न्यूरोकेमिकल, जेनेटिक और न्यूरोफार्माकोलॉजिकल आधार पर  रैपिड आई मूवमेंट (REM) जो कि नींद में एक बड़ी भूमिका निभाता, उसे प्रभावित करता है। ऐसे में जब आप रात में इस दौरान जागते हैं तो, शरीर में कई बदलाव आते हैं जो लंबे समय में आपको बीमार कर सकता है

रात में 12 से 3 जागने से क्या होता है-What happens if you are not sleeping between 12 to 3 at night

रात में 12 से 3 जागने से सेरोटोनिन (Serotonin) हार्मोन कम होने लगता है। इसी के साथ डोपामाइन (dopamine hormone) की भी कमी होने लगती है। ऐसे में शरीर में हार्मोनल असंतुलन के बीच चला जाता है और दिमाग लंबे समय तक चलने लगता है। इस वजह से ब्रेन आराम नहीं कर पाता, शरीर के बाकी अंगों को आराम नहीं करने देता और शरीर खुद को क्लीन और डिटॉक्स करके रीस्टार्ट नहीं कर पाता है। इससे इन बीमारियों का खतरा बढ़ता है।

रात में 12 से 3 जागने वाले लोग हो सकते हैं इन बीमारियों के शिकार-Sleep Deprivation Diseases in Hindi
1. सबसे ज्यादा होती है एंग्जायटी-Anxiety

जो लोग रात में इस दौरान जागते हैं वो अपने शरीर के फॉर्मेट से उल्ट जाकर काम करते हैं। ये एक प्रकार का शरीर के लिए प्रेशर है। इससे हार्मोनल असंतुलन होता है जिससे सबसे ज्यादा एंग्जायटी की समस्या बढ़ती है। ऐसे लोग दुखी और गुस्सैल हो सकते हैं और इन्हें एंग्जायटी अटैक आ सकता है।