केजीएमयू में 21वां सफल प्रत्यारोपण
लखनऊ। पत्नी ने पति को अपने लिवर का एक हिस्सा देकर उसकी जान बचाई। लिवर प्रत्यारोपण के बाद पति-पत्नी आईसीयू में भर्ती हैं। डॉक्टरों की टीम उनकी सेहत पर नजर बनाए हुए है। केजीएमयू कुलपति ले. जनरल डॉ. बिपिन पुरी ने संस्थान में 21वां सफल प्रत्यारोपण होने पर प्रत्यारोपण करने वाली टीम को बधाई दी है।
देवरिया निवासी राकेश सिंह को लिवर की गंभीर बीमारी थी। मरीज को लिवर सोराइसिस व पीलिया भी हो गया था। इलाज के बाद भी उनकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। परिजन बीती नौ मार्च को गंभीर हालत में उन्हें केजीएमयू लाए। गैस्ट्रो सर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने जांच के बाद लिवर प्रत्यारोपण की बात कही। पत्नी ममता उन्हें अपने लिवर का हिस्सा देने के लिए तैयार हुईं। जांच में ममता का लिवर राकेश से मेल खा गया। गेस्ट्रो सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ. अभिजीत चन्द्रा के नेतृत्व में बुधवार को ट्रांसप्लांट शुरू हुआ, जो करीब 10 घंटे तक चला। डॉ. चन्द्रा ने बताया कि दोनों की हालत खतरे से बाहर है। संस्थान में अब तक हुए 90 प्रतिशत प्रत्यारोपण सफल रहे हैं।
प्रत्यारोपण में इनका रहा योगदान
डॉ. अभिजीत चन्द्रा, डॉ. एस कुमार, डॉ. आशीष, डॉ. महेश, डॉ. रवि पटेल, डॉ. कृष्णा डॉ. यशवर्धन, डॉ. डी मुक्तेश्वर, डॉ. रवीन्द्र, डॉ. श्वेता, डॉ. तन्मय तिवारी, डॉ. राजेश रमन, डॉ. रति प्रभा, सीएमएस डॉ. एसएन शंखवार, डॉ. तूलिका चन्द्रा, डॉ. अमिता जैन, डॉ. गौरव चौधरी, डॉ. सुमित रूंगटा, डॉ. अजय कुमार समेत अन्य डॉक्टरों ने सहयोग किया। 20 रेजिडेंट व 50 पैरामेडिकल स्टाफ ने भी अपना योगदान दिया।