रोहित शर्मा ने अभी तक कुल 6 टेस्ट मैचों में टीम इंडिया की कप्तानी की है। जबकि व्हाइट बॉल क्रिकेट में उन्हें कप्तानी का अच्छा अनुभव है।

भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा का टेस्ट क्रिकेट में अभी तक बतौर कप्तान शानदार रिकॉर्ड रहा है। उन्होंने टीम इंडिया के लिए अब तक कुल 6 टेस्ट मैचों में कप्तानी की है। जिसमें से चार में टीम को जीत मिली है और 1-1 मुकाबला टीम हारी है और ड्रॉ रहा है। हालांकि, टेस्ट में कप्तानी का उन्हें कम अनुभव है लेकिन व्हाइट बॉल क्रिकेट में उन्होंने काफी कप्तानी की है। अपनी कप्तानी में मुंबई इंडियंस को पांच बार आईपीएल चैंपियन बना चुके रोहित शर्मा ने पहली बार पब्लिकली अपनी कैप्टेंसी का सीक्रेट प्लान बताया है। साथ ही रोहित ने यह भी कहा है कि, टेस्ट फॉर्मेट में कप्तानी अभी उनके लिए नई है तो वह इसमें नेतृत्व करने के गुर सीख रहे हैं।

रोहित शर्मा ने सोमवार को अहमदाबाद में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट मैच ड्रॉ होने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस की और मीडिया के सामने अपनी कैप्टेंसी पर कई बातें बताईं। उन्होंने कहा कि, वह टेस्ट क्रिकेट में कप्तानी करने के गुर सीख रहे हैं और वह चीजों को सरल बनाए रखना चाहते हैं तथा लोगों का ध्यान खींचने के लिए कुछ हटकर नहीं करना चाहते हैं। जब रोहित से उनकी कप्तानी का विश्लेषण करने लिए कहा गया तो उनके जवाब से सभी हंस पड़े। रोहित ने कहा कि, चार टेस्ट मैच। पूरा करना है (विश्लेषण) क्या? नागपुर से यहां तक। मैं तो तीन टेस्ट मैच से करता आ रहा हूं।’’ हालांकि जब उनसे अपनी कप्तानी का मूल्यांकन करने के लिए कहा गया तो उन्होंने विशेषकर टेस्ट कप्तानी को लेकर चीजों को परिप्रेक्ष्य में रखा।

कप्तान के रूप में सीख रहा हूं…

उन्होंने अब तक श्रीलंका के खिलाफ दो और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार टेस्ट मैचों में कप्तानी की है। रोहित ने कहा कि, मैं अभी हर उस मैच से कप्तान के रूप में सीख रहा हूं जिसमें मैंने कप्तानी की है। अन्य फॉर्मेट की तुलना में मैंने टी20 क्रिकेट में अधिक कप्तानी की है, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में कप्तानी के मामले में मुझे केवल छह मैचों का अनुभव है। मैं अभी सीख रहा हूं। मेरे साथियों ने काफी क्रिकेट खेली है और वे मदद के लिए मेरे साथ हैं। इसके बाद अपनी कप्तानी के तरीके पर सवाल किया गया तो रोहित बोले कि, जब भी मैं टीम का नेतृत्व करता हूं तो चीजों को सरल बनाए रखने की कोशिश करता हूं।

क्या है रोहित की कैप्टेंसी का सीक्रेट प्लान?

उन्होंने आगे कहा कि, मेरा ध्यान हमेशा इस पर रहता है कि मैं कुछ प्रयोग करने या कुछ अलग हटकर करने की कोशिश न करूं। बस इसे सरल बनाए रखें क्योंकि यह खेल का लंबा फॉर्मेट है और इसमें आपको धैर्य रखने की जरूरत पड़ती है। आपको सही निर्णय लेने में सक्षम होने की जरूरत पड़ती है और इसके लिए आपको मैदान पर शांतचित रहना होता है। जब मैं टीम की कप्तानी कर रहा होता हूं तो मैं हमेशा इन चीजों के बारे में सोचता हूं। फिर जैसा मैंने कहा कि मैं अब भी कप्तानी सीख रहा हूं और मैं इसका लुत्फ उठा रहा हूं।